रायगढ़ के निगम चुनाव में ‘औंधे’ मुंह गिरेगा तीसरा ‘पैनल’, निर्दलीय महापौर का दंश झेल चुका है रायगढ़, निर्दलीय पार्षद में व्यक्तिगत इमेज को ही मिलेगा फायदा
रायगढ़। अभी नगर निगम चुनाव का ऐलान हुआ भी नहीं है और शहर में स्वयंभू महापौर प्रत्याशियों के बैनर पोस्टर भी लगने शुरू हो चुके हैं। रायगढ़ शहर में मूलतः कांग्रेस और भाजपा की ही सीधी भिड़ंत निगम के चुनाव में होने जा रही है, ऐसे में तीसरा पैनल के नाम पर चुनावी पब्लिसिटी करने वाले चेहरों को पब्लिक औंधे मुंह गिरा सकती है। रायगढ़ निगम के चुनाव में निर्दलीय महापौर का काला इतिहास रायगढ़ के लोगों को अब भी याद होगा। निर्दलीय महापौर को 2014 में जीताकर एक बार सबक सीख चुके रायगढ़ के लोगों को शायद गलती दोहराने की जरूरत महसूस नहीं हो रही होगी।
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11 साल बाद फिर से ये गलती रायगढ़ के जागरूक लोग करने नहीं जा रहे हैं क्योंकि निर्दलीय महापौर के कार्यकाल में निगम में क्या–क्या अति हुई ये शायद बताने और याद दिलाने की जरूरत नहीं होगी।
रायगढ़ शहर में जिस तरह से तीसरे पैनल या थर्ड फ्रंट के नाम पर राजनीति की रोटी सेंकने की कोशिश की जा रही है, उसके खिलाफ लोगों का वोट पड़ सकता है इससे इंकार नहीं किया जा सकता। रायगढ़ शहर में बड़े बड़े होर्डिंग और बैनर से तीसरे पैनल के नाम पर बनाए जा रहे माहौल की राजनीति उलटी पड़ सकती है, यह इसलिए भी कहना वाजिब होगा क्योंकि जो लोग तीसरे पैनल के नाम पर चमकने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें उनको वार्ड में भी शायद कोई न पहचानता हो। पूरे शहर में इस तीसरे मोर्चे का क्या हाल होगा या समझना बेहद आसान है।
ऐसा नहीं है कि रायगढ़ नगर निगम में निर्दलीय जीतते नहीं है, पार्षद जीतकर आते हैं लेकिन वैसे ही लोग जीतते हैं जो कांग्रेस या बीजेपी से टिकट नहीं मिलने की सूरत में निर्दलीय लड़ जाते हैं, उनमें भी वार्ड में अच्छे चेहरे ही ऐसा करिश्मा कर पाते हैं। अब सवाल यह भी उठता है कि जब कोई निर्दलीय लड़ सकता है तो फिर तीसरे मोर्चे का सहारा कोई क्यों लेगा और उस तीसरे मोर्चे की ताकत क्यों बढ़ाएगा? जिनको शहर में लोग जानते तक नहीं है।
केवल बैनर पोस्टर और होर्डिंग से चुनाव नहीं जीते जाते ये शायद इन तीसरे मोर्चे वालों को मालूम नहीं है, केवल पब्लिसिटी का स्टंट कर रहे इन तीसरे मोर्चे के स्वयंभू नेताओं को रायगढ़ की पब्लिक आने वाले निगम चुनाव में धरती लगा देगी। तीसरे मोर्चे के नाम पर नेतागीरी का सारा शौक धरा का धरा रह जाएगा।